कनाडाई शिष्टमंडल के वेस्ट बैंक जाने पर रोक, इस्राइल का आरोप- आतंकी संगठन से संबंध
इस्राइल ने मंगलवार को कनाडा से आए एक निजी प्रतिनिधिमंडल को कब्जे वाले वेस्ट बैंक में प्रवेश करने से रोक दिया। इस दल में कनाडा की संसद के छह सदस्य (सांसद) शामिल थे। कनाडा में इस्राइल के दूतावास ने कहा कि इस समूह को इसलिए रोका गया क्योंकि इसके कुछ संबंध इस्लामिक रिलीफ वर्ल्डवाइड नाम की संस्था से बताए जा रहे हैं। इस्राइल इस संस्था को आतंकी संगठन मानता है। इस मामले पर कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद ने सोशल मीडिया पर कहा कि कनाडा सरकार ने अपने नागरिकों, खासकर सांसदों, के साथ हुए इस बर्ताव पर आपत्ति जताई है।
इतना ही नहीं कनाडा के पीएम मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी की ओंटारियो से सांसद इकरा खालिद ने सीमा पर खड़े इस्राइली सुरक्षाकर्मियों पर धक्का-मुक्की का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि वह भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस्राइली सीमा अधिकारियों ने उन्हें कई बार धक्का दिया।
दावा- इस्राइली अधिकारियों ने सांसदों को दिया धक्का
मामले में इकरा खालिद ने कहा कि जब वह अपने दल के एक सदस्य की मदद के लिए आगे बढ़ीं, तब उन्हें धक्का दिया गया। यह घटना एलेनबी बॉर्डर क्रॉसिंग पर हुई, जो जॉर्डन और इस्राइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के बीच स्थित है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को पता था कि वह सांसद हैं, क्योंकि उनके पास विशेष सरकारी पासपोर्ट था, जो आम कनाडाई पासपोर्ट से अलग दिखता है।
अब समझिए क्या है इस्राइल का पक्ष
वहीं इस घटना पर इस्राइली दूतावास ने बताया कि इस्राइल उन लोगों और संगठनों को देश में प्रवेश की अनुमति नहीं देगा, जिनका संबंध घोषित आतंकी संगठनों से है। इस प्रतिनिधिमंडल को ‘कनाडाई-मुस्लिम वोट’ नाम के संगठन ने प्रायोजित किया था। यह समूह वेस्ट बैंक में विस्थापित फलस्तीनियों से मिलने वाला था। इस्राइल का कहना है कि इस संगठन को ज्यादातर फंडिंग इस्लामिक रिलीफ कनाडा से मिलती है, जो इस्लामिक रिलीफ वर्ल्डवाइड से जुड़ा हुआ है। इस्राइल इस पूरी संस्था को आतंकी संगठन मानता है।
कनाडा ने जताई नाराजगी
वहीं इस मामले में कनाडा में नेशनल काउंसिल ऑफ कनाडियन मुसलिम्स ने कहा कि इस्राइल द्वारा कनाडा के सांसदों को प्रवेश न देने से पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। ब्रिटिश कोलंबिया से न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद जेनी क्वान ने बताया कि पूरे प्रतिनिधिमंडल के पास वेस्ट बैंक में प्रवेश के लिए जरूरी इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अनुमति थी, लेकिन इसे हमारे पहुंचने वाले दिन ही रद्द कर दिया गया।
कनाडा का बदला रुख, समझिए कैसे?
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में कनाडा ने कुछ अन्य देशों के साथ मिलकर फलस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी। यह कनाडा की नीति में एक बड़ा बदलाव था और अमेरिका ने इसका विरोध किया था। उस समय कनाडा ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि यह कदम दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में मदद करेगा, जिसमें इस्राइल और फलस्तीन दोनों शांति से साथ रह सकें।


