बारिश के मौसम में क्यों बढ़ जाता है हेपेटाइटिस-ए का खतरा?

मानसून का मौसम जहां गर्मी से राहत देता है, वहीं कई बीमारियों को भी साथ लेकर आता है। इनमें से एक है हेपेटाइटिस-ए (Hepatitis-A), जो इस मौसम में तेजी से फैलता है। यह एक वायरल इन्फेक्शन है, जो लीवर को प्रभावित करता है और दूषित पानी व खाने के जरिए फैलता है।
हेपेटाइटिस-ए तेजी से फैलने वाली बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। हालांकि, सही इलाज की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि मानसून में हेपेटाइटिस-ए का खतरा क्यों बढ़ जाता है, इसके लक्षण (Hepatitis-A Symptoms) क्या हैं और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।
मानसून में हेपेटाइटिस-ए का खतरा क्यों बढ़ जाता है?
हेपेटाइटिस-ए वायरस (HAV) मुख्य रूप से दूषित पानी और खाने के माध्यम से फैलता है। बारिश के मौसम में जलभराव के कारण गंदा पानी आस-पास जमा हो जाता है, जिसके कारण पीने के पानी भी दूषित हो सकता है।
मानसून में सब्जियों और फलों में भी कीड़े और गंदगी लग जाती है, जिन्हें ठीक से धोए बिना खाने से इन्फेक्शन हो सकता है। इसके अलावा, बारिश के मौसम में हवा में नमी भी बढ़ जाती है, जिसमें बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपने लगते हैं। ऐसे में स्ट्रीट फूड्स या बाहर से मौसमी आदि का जूस पीने से भी इन्फेक्शन हो सकता है।
हेपेटाइटिस-ए के लक्षण
हेपेटाइटिस-ए के लक्षण संक्रमण के 2-6 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। कुछ लक्षण ऐसे होते हैं-
पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना)
थकान और कमजोरी
पेट दर्द, खासकर लीवर वाले हिस्से में
भूख न लगना और मितली आना
बुखार और सिरदर्द
गहरे रंग का पेशाब और मिट्टी जैसा मल
जोड़ों में दर्द
त्वचा में खुजली
मल का रंग हल्का या गाढ़ा होना
दस्त और उल्टी
हेपेटाइटिस-ए से बचाव के उपाय
साफ पानी का इस्तेमाल करें- हमेशा उबला हुआ या फिल्टर्ड पानी पिएं। साथ ही, बाहर के कटे हुए फल या बर्फ वाली ड्रिंक्स पीने से बचें।
साफ-सफाई का ध्यान रखें- खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं। फलों और सब्जियों को पानी में नमक या विनेगर मिलाकर धोएं।
स्ट्रीट फूड और खुले में रखे खाने से परहेज- मानसून में बाहर का खाना खाने से बचें, खासकर कच्चे या अधपके सी फूड्स से। साथ ही, खाना बनाते समय सफाई का खास ध्यान रखें।
वैक्सीनेशन- हेपेटाइटिस-ए से बचाव के लिए वैक्सीन मौजूद है। बच्चों और ट्रैवल करने वालों को यह टीका जरूर लगवाना चाहिए।
लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें- अगर पीलिया, पेट दर्द या लंबे समय तक थकान जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और लीवर फंक्शन टेस्ट करवाएं।