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स्वतंत्रता दिवस विशेष: आज टॉप-5 में है भारत की इकोनॉमी

आज भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आज के हिंदुस्तान और 1947 के हिंदुस्तान में जमीन-आसमान का फर्क है। वो दौर था जब हमें आजादी मिली थी। उसी समय हमनें विकास की नई परिभाषा को लिखना शुरू किया था और आज हम विश्व की टॉप जीडीपी में से एक है। आज Independence Day 2025 के मौके पर हम आपको बताएंगे कि आखिर 1947 में भारत की जीडीपी क्या थी और 2025 में क्या है। इतने सालों में हिंदुस्तान कितना बदला।

15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को जब दुनिया सो रही थी तब भारत जाग रहा था। क्योंकि ये रात थी भारत के आजादी की। उसके बाद से अब तक का सफर बेहद अभूतपूर्व रहा है। एक नए, स्वतंत्र देश, जो गरीब, विभाजित और संदिग्ध था, से जन्मा भारत, आज दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और जीवंत लोकतंत्रों में से एक बनकर उभरा है। 1947 से 2025 तक का परिवर्तन शक्ति, सुधार और पीछे मुड़कर न देखने के साहस की कहानी है।

1947 में कितनी बड़ी अर्थव्यवस्था था हिंदुस्तान?
आजादी मिलने से पहले, भारत में 200 से अधिक वर्षों तक अंग्रेजों ने राज किया। तब से, देश ने एक लंबा सफर तय किया है। 1947 में, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2,700 अरब रुपये था। यानी 2.7 लाख करोड़ रुपये। उस समय भारत की जनसंख्या 35 करोड़ थी और अमेरिकी डॉलर और भारतीय रुपये के बीच विनिमय दर 3.3 डॉलर थी। इन आंकड़ों के आधार पर, 1947 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2,337 अमेरिकी डॉलर होगी, जबकि आज 202 में यह 2,731 अमेरिकी डॉलर होगी।

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