सहारनपुर : फिल्म देखकर सीखा नोट बनाना, विदेशों से ऑनलाइन मंगाते थे कागज

जिले में सक्रिय रहकर नकली नोट बनाने और सप्लाई करने वाले गिरोह का नेटवर्क वेस्ट यूपी समेत हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड तक फैला है। आरोपी नकली नोट छापने के लिए विदेश से पेपर मंगाते थे। फोटोशॉप के जरिए नोट के सीरीज नंबर बदलते थे। पकड़े गए आरोपियों में एक बीएससी और बाकी दो ने 12वीं तक पढ़ाई की थी।
इन लोगों ने फिल्म देखकर नकली नोट बनाना सीखा था। पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी सोशल मीडिया का सहारा लेकर नकली नोट बेचने का प्रचार करते थे। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर इन्होंने पेज बना रखे थे, जिनसे यह सीमित और भरोसेमंद लोगों को जोड़ते थे। पांच हजार रुपये में दस हजार के नकली नोट देने का लालच देकर लोगों को फंसाते थे। कुछ ग्राहकों को इन्होंने असली जैसे दिखने वाले कोरे नकली नोट भी दिए।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से विदेशी हाई क्वालिटी पेपर भी बरामद हुआ है, जिसे ऑनलाइन मंगाया गया था। आरोपी असली 500 रुपये के नोट स्कैन कर फोटोशॉप के जरिए सीरीज नंबर बदलते थे और फिर उन्हीं शीटों पर प्रिंट कर नकली नोट तैयार करते थे। इसके बाद नोटों की कटिंग कर गड्डी बनाकर लोगों को सप्लाई करते थे।
कानपुर निवासी आरोपी शशि कुमार बीएससी तक पढ़ा है, जबकि नवीन पासवान व करणवीर ने 12वीं तक पढ़ाई की है। पूछताछ में आया कि उन्होंने फिल्म देखकर नकली नोट बनाना सीखा था। इसके बाद वेस्ट यूपी के अलावा हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में नेटवर्क फैला दिया। इस गिरोह के कई अन्य सदस्य भी हो सकते हैं। पुलिस ने इनका नेटवर्क खंगालना शुरू कर दिया है। एसपी सिटी व्योम बिंदल ने बताया कि आरोपी शशि कुमार ने मां बीमार होने और करणवीर ने कर्जा अधिक होने के चलते नकली नोट छापने का काम शुरू किया।